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इमामे काबा का संदेश हाजियों के नाम

शैख अब्दुर्रहमान बिन अब्दुल अज़ीज़ अस्सुदैस इमाम और ख़तीब “मस्जिदे हराम” मक्का अल्लाह के बन्दों! हर साल इन दिनों में मुसलमान ऐसे भव्य प्रासंगिकता का स्वागत करते हैं, जिसके लिए मोमिन का मन मस्तिष्क लालायित रहता है। जिसकी ओर निगाहें टिकी रहतीं और गर्दनें दराज़ रहती हैं, जिसके आगमण पर मुसलमानों के दिलों में खुशी […]

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हज्जतुल विदा के भाषण पर चिंतन मनन (भाग 1)

हिजरत के दसवें वर्ष अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हज की अदाएगी के लिए निकले ताकि नमाज़, रोज़ा और ज़कात के जैसे लोग हज का तरीका भी आप से व्यवहारिक रूप में सीख लें। ज़ुल-कादा में घोषणा कर दी गई कि इस साल अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हज के लिए […]

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क्या जमरात को कंकड़ी मारना अंधविश्वास है ?

हज में कंकड़ी मारना अंधविश्वास नहीं अल्लाह की महानता का बयान है। हमने एक लेख में लिखा था कि इस्लाम बुद्धि-संगत, समझ में आने वाला और मानव स्वभाव से लगता हुआ धर्म है, जिस में अंधविश्वास नहीं, बुद्धि से परे कोई बात नहीं और पैत्रिक प्रथाएं नहीं, इसे पढ़ कर एक सज्जन ने टिप्पणी की […]