यह है सच्चाई
प्रथम पुरुष की संतान को राक्षस दस शताब्दी तक पथभ्रष्ट करने में सक्षम न हो सका, सब से पहले नूह अलै. के युग में मूर्तिपूजा का आरंभ हुआ जिसकी कहानी यह है कि राक्षस ने उस योग के 5 नेक विद्वानों के मरने के बाद उनके श्रृद्धालुओं के पास आकर उनसे कहन शुरू किया कि […]