अप्रिल फूल एक सामाजिक बुराई
अल्लामा इक़बाल ने कहा थाः उठा कर फेंक दो बाहर गली में नई तहज़ीब के अण्डे हैं गंदे नवीन संसकृति के इन गंदे अण्डों पर गर्व करने और पश्चिम की बिना सोचे समझे नक्क़ाली की जिज्ञासा ने हमारे समाज में विभिन्न बुराईयों को जन्म दिया है जिनकी एक समय पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती […]