59- प्रश्नः कौन सी चीज़ एक व्यक्ति को जन्नत में दाख़िल करती है ?

उत्तरः अल्लाह का तक़वा और अच्छे अख़्लाक़

60- प्रश्नः यातना और अपमान का घर कौन सा है?

उत्तरः जहन्नम

61- जहन्नम के द्वार कितने हैं ?

उत्तरः सात

62- प्रश्नः एह्सान क्या है ?

उत्तरः अल्लाह की इबादत ऐसे करो मानो तुम उसे देख रहे हो, यदि उसे देखने का अनुभव मन में पैदा न पैदा हो सके तो यह विचार करो कि वह तुझे देख रहा है।

63- प्रश्नः नेकी और एह्सान का हक़ सब से अधिक कौन रखता है ?

उत्तरः माता पिता।

64- प्रश्नः जब तुम अपने माता पिता के लिए दुआ करना चाहो तो क्या कहोगे?

उत्तरः

رَبِّ اغْفِرْ لِي وَلِوَالِدَيَّ، رَبِّ ارْحَمْهُمَا كَمَا رَبَّيَانِي صَغِيرًا 

“ऐ मेरे रब मुझे क्षमा कर, और मेरे माता पिता को भी क्षमा कर, मेरे रब उन दोनों पर दया कर जैसे उन्हों ने हमारी बचपन में परवरिश की थी।”

65- प्रश्नः अल्लाह के पास सब से प्रिय अमल कौन सा है ?

उत्तरः समय पर नमाज़ पढ़ना, फिर माता पिता के साथ अच्छा व्यवहार करना फिर अल्लाह के रास्ते में जिहाद करना।

66- प्रश्नः अल्लाह के पास कौन सब से सम्मानित व्यक्ति है ?

उत्तरः सब से अधिक तक़वा अपनाने वाला और लोगों में सब से अधिक मत्तक़ी रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हैं।

67- प्रश्नः आपकी सब से महान किताब क्या है ?

उत्तरः पवित्र क़ुरआन

68- प्रश्नः पवित्र क़ुरआन के कितने पारे हैं ?

उत्तरः तीस पारा.

69- प्रश्नः क़ुरआन पढ़ने से पहले आप क्या करते हैं ?

उत्तरः वुज़ू करता हूं फिर अऊज़ु बिल्लाहि मिनश्शैतानिर्रजीम कहता हूं।

70- प्रश्नः मुअव्वज़तान क्या है, पढ़ कर सुनायें ?

उत्तरः सूरः अल-फ़लक़ः

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ ﴿١﴾ مِن شَرِّ مَا خَلَقَ ﴿٢﴾ وَمِن شَرِّ غَاسِقٍ إِذَا وَقَبَ ﴿٣﴾ وَمِن شَرِّ النَّفَّاثَاتِ فِي الْعُقَدِ ﴿٤﴾ وَمِن شَرِّ حَاسِدٍ إِذَا حَسَدَ ﴿٥﴾

क़ुल अऊज़ू बि रब्बिल फ़लक़, मिन शर्रि मा ख़लक़, व मिन शर्रि ग़ासिक़िन इज़ा वक़ब, व मिल शर्रिन-नफ़्फ़ासाति फ़िल उक़द, व मिन शर्रि हासिदिन इज़ा हसद। 

‘‘अल्लाह के नाम से जो अत्यन्त कृपाशील, बड़ा ही दयावान है।”

कहो, मैं शरण लेता हूँ सुबह के प्रभू की, हर उस वस्तु की बुराई से बचने के लिए जो उसने पैदा की, और रात के अंधकार की बुराई से बचने के लिए जबकि वह छा जाए, और गाँठों में फूँकनेवालों (फूँकनेवालियों) की बुराई से, और ईर्ष्या करने वाले की बुराई से बचने के लिए, जब वह ईर्ष्या करे।”

बिसमिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ النَّاسِ ﴿١﴾ مَلِكِ النَّاسِ ﴿٢﴾ إِلَـٰهِ النَّاسِ ﴿٣﴾مِن شَرِّ الْوَسْوَاسِ الْخَنَّاسِ ﴿٤﴾ الَّذِي يُوَسْوِسُ فِي صُدُورِ النَّاسِ﴿٥﴾ مِنَ الْجِنَّةِ وَالنَّاسِ ﴿٦﴾

क़ुल अउज़ू बि रब्बिन्नास, मलिकिन्नास, इलाहिन्नास, मिन शर्रिल वस्वासिल ख़न्नास, अल-लज़ी युवस्विसु फ़ी सुदूरिन्नास, मिनल जिन्नति वन्नास। 

‘‘ अल्लाह के नाम से जो अत्यन्त कृपाशील, बड़ा ही दयावान है।”

‘‘कहो, मै शरण लेता हूँ मनुष्यों के प्रभु की, मनुष्यों के सम्राट की, मनुष्यों के उपास्य की, उस वसवसे (भ्रष्ट विचार) डालने वाले की बुराई से बचने के लिए जो बारम्बार पलटकर आता है जो मुनष्यों के मन में वसवसे (भ्रष्ट विचार) डालता है, चाहे वह जिन्न हो या मनुष्य।”

प्रश्नः क़ुरआन में सब से महान आयत कौन सी है ? उसे पढ़ो ?

उत्तरः आयतुल कुर्सी

اللَّـهُ لَا إِلَـٰهَ إِلَّا هُوَ الْحَيُّ الْقَيُّومُ ۚ لَا تَأْخُذُهُ سِنَةٌ وَلَا نَوْمٌ ۚلَّهُ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْضِ ۗ مَن ذَا الَّذِي يَشْفَعُ عِندَهُ إِلَّا بِإِذْنِهِ ۚ يَعْلَمُ مَا بَيْنَ أَيْدِيهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ ۖ وَلَا يُحِيطُونَ بِشَيْءٍ مِّنْ عِلْمِهِ إِلَّا بِمَا شَاءَ ۚ وَسِعَ كُرْسِيُّهُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ ۖ وَلَا يَئُودُهُ حِفْظُهُمَا ۚ وَهُوَ الْعَلِيُّ الْعَظِيمُ

अल्लाहु ला इलाहा इल्ला हुवल हय्युल क़य्यूम। ला तअख़ुज़ुहू सिनतुंव वला नौम। लहू मा फ़िस्समावाति वमा फ़िल अर्ज़ि। मन ज़ल्लज़ी यशफ़उ इन्दहू इल्ला बेइज़्निहि, यअलमु मा बैना अयदीहिम वमा ख़लफ़हुम, वला युहीतूना बेशयइम मिन इल्मेही इल्ला बेमा शाआ, वसेआ कुरसिय्युहुस्समावाति वलअर्ज़ि, वला यऊदुहू हिफ़्ज़ुहुमा व हुवल अलीयुल अज़ीम। (सूरः अल-बक़राः 255)

अल्लाह कि जिसके सिवा कोई पूज्य-प्रभु नहीं, वह जीवन्त-सत्ता है, सबको सँभालने और क़ायम रखनेवाला है। उसे न ऊँघ लगती है और न निद्रा। उसी का है जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में है। कौन है जो उसके यहाँ उसकी अनुमति के बिना सिफ़ारिश कर सके? वह जानता है जो कुछ उनके आगे है और जो कुछ उनके पीछे है। और वे उसके ज्ञान में से किसी चीज़ पर हावी नहीं हो सकते, सिवाय उसके जो उसने चाहा। उसकी कुर्सी आकाशों और धरती को व्याप्त है और उनकी सुरक्षा उसके लिए तनिक भी भारी नहीं और वह उच्च, महान है। (सूरः अल-बक़राः 255)

प्रश्नः हदीस को पूर्ण करेंः

अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहाः जिसने हर नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी पढ़ी …. ?

उत्तरः …उसे मृत्यु के अलावा कोई चीज़ जन्नत में दाख़िल होने से नहीं रोक सकती।

(इस हदीस को इमान नसाई ने अस्सुनन अल-कुबरा (9928) और इमाम तबरानी ने अल-अवसत (8067) में अबू उमामा रज़ियल्लाहु अन्हु से नक़ल किया है। और अल-बानी रहि. ने सहीहुत्तरग़ीब वत्तरहीब (1595) में इसे सही कहा है)

प्रश्नः 77 क़ुरआन में सब से श्रेष्ठ सूरः कौनसी है ? पढ़ कर सुनाओ ?

उत्तरः सूरः अल-फातिहा

بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ ﴿١﴾ الْحَمْدُ لِلَّـهِ رَبِّ الْعَالَمِينَ ﴿٢﴾الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ ﴿٣﴾ مَالِكِ يَوْمِ الدِّينِ ﴿٤﴾ إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَإِيَّاكَ نَسْتَعِينُ ﴿٥﴾ اهْدِنَا الصِّرَاطَ الْمُسْتَقِيمَ ﴿٦﴾ صِرَاطَ الَّذِينَ أَنْعَمْتَ عَلَيْهِمْ غَيْرِ الْمَغْضُوبِ عَلَيْهِمْ وَلَا الضَّالِّينَ ﴿٧﴾

बिसमिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

‘‘अल हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन अर्रहमानिर्रहीम मालिकि यौमिद्दीन इय्याकः नअबुदू व इय्याकः नस्तईन इह दिनस्सिरातल मुस्तकीम सिरातल्लजीनः अन अमतः अलैहिम गैरिल मग जूबी अलैहिम व लज़्ज़ाल्लीन ’’ (आमीन)

अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपालु और अत्यन्त दयावान हैं।(1) प्रशंसा अल्लाह ही के लिए हैं जो सारे संसार का रब हैं (2)बड़ा कृपालु, अत्यन्त दयावान हैं (3) बदला दिए जाने के दिन का मालिक हैं (4) हम तेरी बन्दगी करते हैं और तुझी से मदद माँगते हैं (5) हमें सीधे मार्ग पर चला (6) उन लोगों के मार्ग पर जो तेरे कृपापात्र हुए, जो न प्रकोप के भागी हुए और न पथभ्रष्ट(7)

प्रश्नः क़ुरआन की सब से तम्बी सूरः कौन सी है?

उत्तरः सूरः अल-बक़रा

प्रश्नः क़ुरआन की सब से छोटी सूरः कौन सी है ? पढ़ कर सुनायें ?

उत्तरः सूरः अल-कौसर

بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ

إِنَّا أَعْطَيْنَاكَ الْكَوْثَرَ ﴿١﴾ فَصَلِّ لِرَبِّكَ وَانْحَرْ ﴿٢﴾ إِنَّ شَانِئَكَ هُوَ الْأَبْتَرُ ﴿٣

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

इन्ना आतैनाकलकौसर फ़ सल्लि लि रब्बि,क वन्हर इन्न शानिअ,क हुवल, अब्तर

निश्चय ही हमने तुम्हें कौसर प्रदान किया, (1) अतः तुम अपने रब ही के लिए नमाज़ पढ़ो और (उसी के दिन) क़़ुरबानी करो (2)निस्संदेह तुम्हारा जो वैरी है वही जड़कटा है (3)

80 प्रश्नः क़ुरआन की कौन सी सूरः है जो एक तिहाई क़ुरआन के बराबर है ? पढ़ कर सुनायें ?

उत्तरः सूरः इख़्लास 

قُلْ هُوَ اللَّـهُ أَحَدٌ ﴿١﴾ اللَّـهُ الصَّمَدُ ﴿٢﴾ لَمْ يَلِدْ وَلَمْ يُولَدْ ﴿٣﴾وَلَمْ يَكُن لَّهُ كُفُوًا أَحَدٌ ﴿٤

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम 

क़ुल हुवल्लाहु अहद अल्लाहुस्समद लम यलिद व लमयुलद व मल यकुल्लहु कुफ़ुव्वन अहद।

कहो, “वह अल्लाह यकता है, (1) अल्लाह निरपेक्ष (और सर्वाधार) है, (2) न वह जनिता है और न जन्य, (3) और न कोई उसका समकक्ष है।” (4)

81 प्रश्नः इस सूरः को पूर्ण करें ? 

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम ‘‘वल अस्रि इन्नल इन्सा नलफ खुस्र…..

وَالْعَصْرِ ، إِنَّ الْإِنسَانَ لَفِي خُسْرٍ    

उत्तरः

إِلَّا الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ وَتَوَاصَوْا بِالْحَقِّ وَتَوَاصَوْا بِالصَّبْرِ 

….इल लल्लजीना आमनू व आमिलुस्सालिहाति व तवासौ बिल हक्कि व तवासौ बिस्सब्र’’ (सूरः अल-अस्र)

गवाह है गुज़रता समय, (1) कि वास्तव में मनुष्य घाटे में है,(2) सिवाय उन लोगों के जो ईमान लाए और अच्छे कर्म किए और एक-दूसरे को हक़ की ताकीद की, और एक-दूसरे को धैर्य की ताकीद की (3)

82- सब से अच्छा और श्रेष्ठ आचरण कौन सा है ?

उत्तरः सच्चाई

83- सब से बुरा और घटिया आचरण कौन सा है ?

उत्तरः झूठ

84 प्रश्नः हदीस को पूर्ण करेंः

अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमायाः

ला युमिनु अहदुकुम हत्ता युहिब्बा … ?

उत्तरः …..लि अख़ीहि मा युहिब्बु लि नफ्सिहि।

(बुख़ारीः13 मुस्लिम 45 रावी हज़रत अनस बिन मालिक रज़ियल्लाहु अन्हु)

(तुम में से एक व्यक्ति उस समय तक (पूर्ण) मुमिन नहीं हो सकता जब तक कि जो अपने लिए पसंद करता है वही अपने भाई के लिए पसंद न करे।)

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